जनसांख्यिकी: आश्रित अनुपात को समझना


उत्पादन: कैलकुलेट दबाएँ

निर्भरता-अनुपात-की-समझ:-जनसांख्यिकी-पर-ध्यान

निर्भरता-अनुपात-जनसांख्यिकी-में-उपयोग-की-जाने-वाली-एक-महत्वपूर्ण-माप-है-ताकि-उत्पादक-जनसंख्या-पर-दबाव-को-समझा-जा-सके।-मूल-रूप-से,-यह-उन-लोगों-के-बीच-का-अनुपात-दर्शाता-है-जो-आमतौर-पर-श्रम-शक्ति-में-नहीं-होते-हैं-(निर्भर)-और-जो-श्रम-शक्ति-में-होते-हैं-(कामकाजी-आयु-की-जनसंख्या)।-यह-माप-नीति-निर्माताओं,-अर्थशास्त्रियों-और-समाजशास्त्रियों-के-लिए-अमूल्य-है-क्योंकि-यह-आर्थिक-योजना,-सामाजिक-सेवाओं-और-समग्र-सामाजिक-कार्यप्रणाली-को-प्रभावित-करता-है।

निर्भरता-अनुपात-की-गणना-के-लिए-सूत्र

निर्भरता-अनुपात-(डीआर)-=-(निर्भर-व्यक्तियों-की-संख्या-/-कामकाजी-आयु-की-जनसंख्या-की-संख्या)-×-100

निर्भरता-अनुपात-को-दो-श्रेणियों-में-विभाजित-किया-जा-सकता-है:

इन-अनुपातों-को-मिलाकर-कुल-निर्भरता-अनुपात-दर्शाया-जाता-है।

परिभाषित-मापदंड

वास्तविक-जीवन-उदाहरणों-के-साथ-गणना

कल्पना-करें-कि-हम-एक-छोटे-देश-की-जनसांख्यिकी-का-अध्ययन-कर-रहे-हैं-जिनकी-स्थितियां-निम्नलिखित-हैं:

सबसे-पहले,-हम-कुल-निर्भर-व्यक्तियों-की-संख्या-की-गणना-करते-हैं:

कुल-निर्भर-व्यक्तियों-की-संख्या-=-5,000-(युवा)-+-2,000-(वृद्ध)-=-7,000

फिर,-हम-सूत्र-का-उपयोग-करके-निर्भरता-अनुपात-का-पता-लगाते-हैं:

निर्भरता-अनुपात-=-(7,000-/-15,000)-×-100-=-46.67

इसका-अर्थ-है-कि-प्रत्येक-100-कामकाजी-आयु-व्यक्तियों-के-लिए-लगभग-47-निर्भर-व्यक्ति-होते-हैं।

उच्च-और-निम्न-निर्भरता-अनुपात-के-प्रभाव

एक-उच्च-निर्भरता-अनुपात-का-मतलब-है-कामकाजी-आयु-की-जनसंख्या-पर-निर्भर-व्यक्तियों-को-समर्थन-देने-का-महत्वपूर्ण-बोझ,-जो-कि-स्वास्थ्य-सेवा-और-शिक्षा-जैसी-सामाजिक-सेवाओं-पर-दबाव-डाल-सकता-है-और-उच्च-करों-की-आवश्यकता-हो-सकती-है।-दूसरी-ओर,-एक-निम्न-निर्भरता-अनुपात-का-अर्थ-है-प्रति-कामकाजी-आयु-व्यक्ति-कम-निर्भर-व्यक्ति,-जो-संभवतः-अधिक-आर्थिक-वृद्धि-और-बुनियादी-ढांचे-और-विकास-में-निवेश-की-अनुमति-देता-है।

डेटा-सत्यापन

सूत्र-वैध-होने-के-लिए:

सारांश

निर्भरता-अनुपात-एक-महत्वपूर्ण-जनसांख्यिकीय-माप-है-जो-कामकाजी-आयु की जनसंख्या पर डाले गए आर्थिक और सामाजिक दबावों को समझने में मदद करता है। इस अनुपात का विश्लेषण करके, नीति निर्माता सतत आर्थिक और सामाजिक विकास का समर्थन करने के लिए सूचित निर्णय ले सकते हैं।

Tags: जनसांख्यिकी, निर्भरता अनुपात, अर्थशास्त्र